कहाँ जीत कहाँ हार, झूठ की दुनिया झूठा ये संसार... उजाले यहाँ रात से रिश्ते यहाँ सांप से.. परछाई भी अब साथ छोडती है यहाँ कहाँ जीत कहाँ हार, झूठ की दुनिया झूठा ये संसार... jitesh saini- #jhuthaa