मेरी दिवाली खुशियों वाली, तन्हाइयों के झालर से, टिमटिमाती यादों की प्याली,, मेरी दिवाली.. जी करता हर वो बात कहूं, जो कह ना सका,, हर उस साथ चलूं, जो मिल ना सका,, लौट जाऊं बगान में बन माली, मेरी दिवाली.. पापा से ले के बम चिंगारी, पूरे घर में हाहाकार करूं,, फिर आगे करके भैया को, अगली साजिश की चाल चलूं,, बिसरे दियों के मौसम में फिर बनूं बवाली,, मेरी दिवाली... अमावस रात में , मां का मैं फिर चांद बनूं, मीठे पकवानों को चखकर, अपनी फूलझड़िओं का भंडार भरूं,, अगली सुबह की नोक पर, वो दादी के काजल की काली,, मेरी दिवाली... #बस_यूँ_ही #मेरीभावनाएँ #diwali #पर्व #lovepoetry