सोचती हूँ आपको इत्मीनान से लिखूँ
चाँदनी की कलम से अमावस के आकाश पर लिखूँ
मन में सवाल उठे तो कान्हा से मिले जवाब में लिखूँ
सर्दी में ठंडे काँपते नर्म हाथों की तकरार से लिखूँ
अदरक वाली चाय की चुस्कियां लेते ढलते शाम में लिखूँ
माथे पर जो लाल बिंदी लगाई थी, उसके अभाव में लिखूँ
हया भरी रात में सोते हुए मोहक चेहरे की आड़ में लिखूँ
भागती दौड़ती दुनिया में, किसी पहाड़ी बरसात में लिखूँ #yqbaba#yqdidi#yqhindi#yqdiary#आपकेलिए#sugarplum#लिखनाचाहूँ#कान्हामेरे