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शब्द शून्य हुए मौन लिखा परिवेश में सुंदर










शब्द शून्य हुए
मौन लिखा परिवेश में 
सुंदरता भी कुछ न बोली
सिंगारी उस वेश मे
छिन्न हो गया संग
भिन्न हो गई देह
आँसू बन कर बह गया
उसके गालों पर नेह...!!!

©Vivek
  # छिन्न भिन्न नेह
vivek7712018445095

Vivek

New Creator

# छिन्न भिन्न नेह #कविता

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