क्यूँ करे गिला गुज़रे हुए वक़्त से , शुक्रगुज़ार है की बहुत कुछ सिखा गया , घर की चार दिवारी में रखकर भी एक पहचान दिलवा गया | मन में तब एक डर सा था , हुनर तो था , पर विश्वास कम सा था हर पल में न जाने कितने मौके दिला गया गुज़रा हुआ वक़्त बहुत कुछ सिखा गया | कहते है वक्त किसी केे लिए रुकता नहीं , जो सच्ची मेहनत और लगन से आगे बढे़ , उसका सर कभी झुकता नहीं ! मौका जब मिले , तू खुद को कर साबित , खु़दा की मेहर से तू ओर बन काबिल अपने हुनर को परख ओर दुनिया को कुछ दिखा नया तहे दिल से शुक्रगुज़ार है , गुज़रे हुए वक़्त केे जो हमे बहुत कुछ सिखा गया ...... - शुभिता | #poetryunplugged #poetrycontest #nojotopoetry #nojoto #Texture