दिसंबर की एक रात थी हो रही थोरी थोरी बरसात थी वाहाओं का जोर था कोहरा घनघोर था वो थे, हम थे और ख्वाबों में उनसे पहली मुलाकात थी कैसे बताएं गुजरी कैसे वह रात थी #December ki raat #poem #shayari