बिन देखे बिन जाने एक सम्बोधन का इंतजार सोते जागते उठते बैठते वस उसी का विचार फिर भी अगर बात न हो पाए तो साम के सिंदूरी सूरज का थके पँखों से धीरे धीरे उतरना और उतर के टिक जाना चांदनी रात में सितारों को देखना बिन कहे बिन सुने हल्का तेज स्पंदन महसूस करना धड़कनें गुलाबों की पंखुड़ियों की तरह ऊपर चढ़ रहीं हो हल्की मीठी सी खुमारी में खोए रहना हमसे पूछो प्यार है क्या ? तेरी खुशी से बढ़कर मेरे लिए कुछ नहीं और मेरी ज़िंदगी की हर एक खुशी तुमसे ही मिलने के लिए कोसों दूर बे खोफ चल पड़ना शर्दी गर्मी बरसात की फ़िक्र किये बिना रात रात भर सफर करना फिर भी वो न आये तो बिना शिकायत के गुम सुम सा लौट आना सॉरी बाला सम्बोधन पढ़कर सब भूल जाना और फिर उसी के सपनों में खो जाना हमसे पूछो प्यार है क्या? ........... . हर कोई कहाँ जानता है प्यार क्या होता है? हमसे पूछो, हम बताते हैं। #प्यारहैक्या #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi