यादों के साख से बिखरी जो पत्ती! धड़कने लगा यूँ दिल जैसे सावन की बदली! महक साँसों में वो बीते पल की समाई! जब खिले थे गुलाब वो अपने मिलन की! ©Deepak Bisht #बिखरी यादें