#रतजगे ये रतजगे जो मेरे साथी हैं अब, पूछते हैं रातों को अक्सर जब नींद नही आती तकिये पे अपना सर रखकर मेरी ओर देखते हुए हाथ पेशानी पे फेरता है फिर कहता है क्या है कोई उलझन या बस तुम्हे भी ये स्याह रात भाने लगी है कह दो कोई मदद मैं गर कर पाऊं तो और तुमको भी नींद आ जाये जो फिर छोड़कर तुम मेरा साथ चले जाना अपनी सपनो की दुनियां में मेरा क्या है मैं फिरूँगा रातभर भटकता अकेला मुझे तो आदत है इसकी दुआ तुम्हारे लिए है यही की तुम्हे नींद आ जाए मैं तो रतजगा हूं मुझे तो स्याह रात काटनी है #रतजगे #पेशानी #स्याह #रात #yqdidi #yqquotes