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कठिन डगर हो, परिस्थितियां हों विपरीत, सूझता ना हो

कठिन डगर हो,
परिस्थितियां हों विपरीत,
सूझता ना हो कुछ,
निबाहें कैसे जीने की रीत?
थाम के हाथ अपना,
आगे ही बड़ते जाना,
ईश्वर भी भेजता है
किसी  न किसी को 
बना के कोई बहाना #yqsuprabhat 
#yqईश्वर 
#yqविश्वास 
#yqकुलभूषणदीप
कठिन डगर हो,
परिस्थितियां हों विपरीत,
सूझता ना हो कुछ,
निबाहें कैसे जीने की रीत?
थाम के हाथ अपना,
आगे ही बड़ते जाना,
ईश्वर भी भेजता है
किसी  न किसी को 
बना के कोई बहाना #yqsuprabhat 
#yqईश्वर 
#yqविश्वास 
#yqकुलभूषणदीप