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मौत तो मुसाफिर बनके साथ चलती हैं,जहाँ मंजिल मिल गय

मौत तो मुसाफिर बनके साथ चलती हैं,जहाँ मंजिल मिल गयी,सफर ए ज़िन्दगी वही खत्म हो जाती है,और रह जाता है सिर्फ यादों का कारवाँ।

©Kamlesh singh yaduvanshi
  मृत्यु एक शाश्वत सत्य।
मौत तो मुसाफिर बनके साथ चलती हैं,जहाँ मंजिल मिल गयी,सफर ए ज़िन्दगी वही खत्म हो जाती है,और रह जाता है सिर्फ यादों का कारवाँ।

©Kamlesh singh yaduvanshi
  मृत्यु एक शाश्वत सत्य।