उन्होंने मुझसे पूछा, कि तुम्हारी नजर में प्यार क्या है । हाज़िर जवाब मैने कहा, जो मासुमियत का चौला तुम्हारे चेहरे पे है, उसके पीछे जो छीपा सियार है अब वही मेरा प्यार है। प्यार होता ही कुछ ऐसा है, हमेश गलत से ही होता है।