मैं काग़ज़ की कश्ती पे सवार था अपने सपनो से खुद बेज़ार था दुनिया मे सपनो का बाज़ार था भीगे सपने लिखे जो काग़ज़ पर नहीं जीत सका मैं मझदारों से लड़ खत्म कर आया हु तनावो का सफर याद ना करना,चला जाता हु बेफिक्र #mai_bekhabar #collabwithmb #rzलेखकसमूह #rztask268 #restzone