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शिव शंकर गले विराजे.. घर घर में महिमा बाजे।। नागप

शिव शंकर गले विराजे..
घर घर में महिमा बाजे।।

नागपंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।।यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।इस दिन हमारे भारतवर्ष में नागों की पूजा करने का विधान है।ऐसा माना जाता है कि नाग देवता शिव जी का प्रतिरूप हैं, क्योंकि वह शिव जी के परिवर्तित रूप हैं।वह उनके साथ हमेशा उनके गले में विराजमान रहते हैं।।मान्यता है जहां नाग देवता का निवास होता है,वहाँ लक्ष्मी भी निवास करती है।।नागों और सर्पों की पूजा करने से भय से भी मुक्ति मिलती है।।प्राचीन समय की मान्यता है कि सर्प हमारे कृषकों के लिए भी वरदान होते हैं क्योंकि वह खेतों में जीव-जंतु आदि से फसलों की रक्षा करता है।।इसलिए साँप को "सर्पपाल या छेत्रपाल "भी कहा जाता है।।नागपंचमी के दिन सब लोग नाग देवता की पूजा करते हैं,उनके लिए दूध रखा जाता है।।नाग हमें कई संदेश भी देते हैं उनकी तीव्र दृष्टि बेहद ही रोमांचकारी होती है।।कहीं कहीं नागमणि का भी उल्लेख मिलता है।।कुछ लोग इनके ख़िलाफ़ होते हैं, जो जंतुओं की निर्मम हत्या कर देते हैं।।उन्हें घातक मानते हुए, प्रत्येक व्यक्ति उनसे दूर रहने की कोशिस में नागों ,सर्पों को नुकसान पहुँचाते हैं।।ऐसा करना हमारे मनुष्य जीवन के लिए बिल्कुल भी उत्तम नहीं है।।हमें प्रत्येक जीव-जंतु की रक्षा करनी चाहिये।।

©bhawna gupta शिव शंकर गले विराजे..
घर घर में महिमा बाजे।।

नागपंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।।यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।इस दिन हमारे भारतवर्ष में नागों की पूजा करने का विधान है।ऐसा माना जाता है कि नाग देवता शिव जी का प्रतिरूप हैं, क्योंकि वह शिव जी के परिवर्तित रूप हैं।वह उनके साथ हमेशा उनके गले में विराजमान रहते हैं।।मान्यता है जहां नाग देवता का निवास होता है,वहाँ लक्ष्मी भी निवास करती है।।नागों और सर्पों की पूजा करने से भय से भी मुक्ति मिलती है।।प्राचीन समय की मान्यता है कि सर्प हमारे कृषकों के लिए भी वरदान होते हैं क्योंकि वह खेतों में जीव-जंतु आदि से फसलों की रक्षा करता है।।इसलिए साँप को "सर्पपाल या छेत्रपाल "भी कहा जाता है।।नागपंचमी के दिन सब लोग नाग देवता की पूजा करते हैं,उनके लिए दूध रखा जाता है।।नाग हमें कई संदेश भी देते हैं उनकी तीव्र दृष्टि बेहद ही रोमांचकारी होती है।।कहीं कहीं नागमणि का भी उल्लेख मिलता है।।कुछ लोग इनके ख़िलाफ़ होते हैं, जो जंतुओं की निर्मम हत्या कर देते हैं।।उन्हें घातक मानते हुए, प्रत्येक व्यक्ति उनसे दूर रहने की कोशिस में नागों ,सर्पों को नुकसान पहुँचाते हैं।।ऐसा करना हमारे मनुष्य जीवन के लिए बिल्कुल भी उत्तम नहीं है।।हमें प्रत्येक जीव-जंतु की रक्षा करनी चाहिये।।

#happynagpanchami
#शिवाय 
#शुभकामनाएं💐
शिव शंकर गले विराजे..
घर घर में महिमा बाजे।।

नागपंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।।यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।इस दिन हमारे भारतवर्ष में नागों की पूजा करने का विधान है।ऐसा माना जाता है कि नाग देवता शिव जी का प्रतिरूप हैं, क्योंकि वह शिव जी के परिवर्तित रूप हैं।वह उनके साथ हमेशा उनके गले में विराजमान रहते हैं।।मान्यता है जहां नाग देवता का निवास होता है,वहाँ लक्ष्मी भी निवास करती है।।नागों और सर्पों की पूजा करने से भय से भी मुक्ति मिलती है।।प्राचीन समय की मान्यता है कि सर्प हमारे कृषकों के लिए भी वरदान होते हैं क्योंकि वह खेतों में जीव-जंतु आदि से फसलों की रक्षा करता है।।इसलिए साँप को "सर्पपाल या छेत्रपाल "भी कहा जाता है।।नागपंचमी के दिन सब लोग नाग देवता की पूजा करते हैं,उनके लिए दूध रखा जाता है।।नाग हमें कई संदेश भी देते हैं उनकी तीव्र दृष्टि बेहद ही रोमांचकारी होती है।।कहीं कहीं नागमणि का भी उल्लेख मिलता है।।कुछ लोग इनके ख़िलाफ़ होते हैं, जो जंतुओं की निर्मम हत्या कर देते हैं।।उन्हें घातक मानते हुए, प्रत्येक व्यक्ति उनसे दूर रहने की कोशिस में नागों ,सर्पों को नुकसान पहुँचाते हैं।।ऐसा करना हमारे मनुष्य जीवन के लिए बिल्कुल भी उत्तम नहीं है।।हमें प्रत्येक जीव-जंतु की रक्षा करनी चाहिये।।

©bhawna gupta शिव शंकर गले विराजे..
घर घर में महिमा बाजे।।

नागपंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।।यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।इस दिन हमारे भारतवर्ष में नागों की पूजा करने का विधान है।ऐसा माना जाता है कि नाग देवता शिव जी का प्रतिरूप हैं, क्योंकि वह शिव जी के परिवर्तित रूप हैं।वह उनके साथ हमेशा उनके गले में विराजमान रहते हैं।।मान्यता है जहां नाग देवता का निवास होता है,वहाँ लक्ष्मी भी निवास करती है।।नागों और सर्पों की पूजा करने से भय से भी मुक्ति मिलती है।।प्राचीन समय की मान्यता है कि सर्प हमारे कृषकों के लिए भी वरदान होते हैं क्योंकि वह खेतों में जीव-जंतु आदि से फसलों की रक्षा करता है।।इसलिए साँप को "सर्पपाल या छेत्रपाल "भी कहा जाता है।।नागपंचमी के दिन सब लोग नाग देवता की पूजा करते हैं,उनके लिए दूध रखा जाता है।।नाग हमें कई संदेश भी देते हैं उनकी तीव्र दृष्टि बेहद ही रोमांचकारी होती है।।कहीं कहीं नागमणि का भी उल्लेख मिलता है।।कुछ लोग इनके ख़िलाफ़ होते हैं, जो जंतुओं की निर्मम हत्या कर देते हैं।।उन्हें घातक मानते हुए, प्रत्येक व्यक्ति उनसे दूर रहने की कोशिस में नागों ,सर्पों को नुकसान पहुँचाते हैं।।ऐसा करना हमारे मनुष्य जीवन के लिए बिल्कुल भी उत्तम नहीं है।।हमें प्रत्येक जीव-जंतु की रक्षा करनी चाहिये।।

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anshulgupta6972

~Bhavi

Bronze Star
New Creator

शिव शंकर गले विराजे.. घर घर में महिमा बाजे।। नागपंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।।यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।इस दिन हमारे भारतवर्ष में नागों की पूजा करने का विधान है।ऐसा माना जाता है कि नाग देवता शिव जी का प्रतिरूप हैं, क्योंकि वह शिव जी के परिवर्तित रूप हैं।वह उनके साथ हमेशा उनके गले में विराजमान रहते हैं।।मान्यता है जहां नाग देवता का निवास होता है,वहाँ लक्ष्मी भी निवास करती है।।नागों और सर्पों की पूजा करने से भय से भी मुक्ति मिलती है।।प्राचीन समय की मान्यता है कि सर्प हमारे कृषकों के लिए भी वरदान होते हैं क्योंकि वह खेतों में जीव-जंतु आदि से फसलों की रक्षा करता है।।इसलिए साँप को "सर्पपाल या छेत्रपाल "भी कहा जाता है।।नागपंचमी के दिन सब लोग नाग देवता की पूजा करते हैं,उनके लिए दूध रखा जाता है।।नाग हमें कई संदेश भी देते हैं उनकी तीव्र दृष्टि बेहद ही रोमांचकारी होती है।।कहीं कहीं नागमणि का भी उल्लेख मिलता है।।कुछ लोग इनके ख़िलाफ़ होते हैं, जो जंतुओं की निर्मम हत्या कर देते हैं।।उन्हें घातक मानते हुए, प्रत्येक व्यक्ति उनसे दूर रहने की कोशिस में नागों ,सर्पों को नुकसान पहुँचाते हैं।।ऐसा करना हमारे मनुष्य जीवन के लिए बिल्कुल भी उत्तम नहीं है।।हमें प्रत्येक जीव-जंतु की रक्षा करनी चाहिये।। #HappyNagPanchami #शिवाय शुभकामनाएं💐 #Thoughts