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अफ़सोस न कर तू इतना, कि मैं तुझे छोड़ के जा रहा। ह

अफ़सोस न कर तू इतना,
कि मैं तुझे छोड़ के जा रहा।
हम तुम्हे चाहते हैं इतना,
चाह कर भी न जता पा रहा।
तोड़ा दिल को खुद ही इतना,
फिर भी दिल टूटा जा रहा।
कहना चाहता हूं तुमसे बस इतना,
कि कुछ भी न कर पा रहा।
लाज़मी मुसाफ़िर हूं मैं इतना,
पता सफर का ही न चल पा रहा।
सफर में खोया हूं मैं इतना,
अब कोई न पता पा रहा।
कैद किया है खुद को इतना,
जिसे उम्रकैद की सजा पा रहा।
ख़ामोश हो गया हूं मैं इतना,
खुदगर्ज समझा जा रहा।
खुद से नाराज हूं मैं इतना,
खुद ही खुद को खोता जा रहा।
अफ़सोस न कर तू इतना,
कि मैं बस चलता जा रहा।

©Banarasi..
  अफ़सोस न कर तू इतना।।।।।#Likho 
#Original #Poetry #Life #Love #feedback
jaymahakaal8640

Banarasi..

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अफ़सोस न कर तू इतना।।।।।#Likho #Original Poetry Life Love #feedback #कविता

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