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टूटा दिल Day 04 मसअले जो हो रहे है,बेवजह होते नही

टूटा दिल Day 04  मसअले जो हो रहे है,बेवजह होते नहीं,
लाइलाजी मर्ज है ये,कैसे कहे रोते नहीं।

चाल देखो चल गई,किस्मत ही मुझसे खेल कर,
पूछना बेकार तेरा,रात क्यूं सोते नही।

देखना छुप छुप के हमको,आज भी जारी रहा,
यूं समझ लो जानते है,कुछ मगर कहते नहीं।

दर्द तेरा सब समंदर,पी लिया है घोल कर,
हंस रहे महफ़िल खड़े हो,पर खफा रहते नहीं।

आज भी चुभता रहै है,फांस सा सीने मिरे,
राह मेरी में जुदाई जानते बोते नहीं।

          - अनाम संजीव #दर्द_ए_जुदाई
टूटा दिल Day 04  मसअले जो हो रहे है,बेवजह होते नहीं,
लाइलाजी मर्ज है ये,कैसे कहे रोते नहीं।

चाल देखो चल गई,किस्मत ही मुझसे खेल कर,
पूछना बेकार तेरा,रात क्यूं सोते नही।

देखना छुप छुप के हमको,आज भी जारी रहा,
यूं समझ लो जानते है,कुछ मगर कहते नहीं।

दर्द तेरा सब समंदर,पी लिया है घोल कर,
हंस रहे महफ़िल खड़े हो,पर खफा रहते नहीं।

आज भी चुभता रहै है,फांस सा सीने मिरे,
राह मेरी में जुदाई जानते बोते नहीं।

          - अनाम संजीव #दर्द_ए_जुदाई