Nojoto: Largest Storytelling Platform

दूर से जो देखा कड़कती ठंड मैं यह सड़कों पर कौन बै

दूर से जो देखा 
कड़कती ठंड मैं यह सड़कों पर कौन बैठा है 
बेबसी में सब्र की पोशाक पहनकर खेतों के मजदूर या किसान जैसा है 
कैसा यह आंदोलन कोई दंगा फसाद भी नहीं 
ना तोड़ फोड़ ना आग लगाना
 किसी की इज्जत के साथ खिलवाड़ भी नहीं
 क्यों आंखें बंद कर बैठी है सरकार, किसानों के हकों की बात आज क्यों किसी को याद भी नहीं 
लोकतंत्र राज में क्यों मनमानी करते हो 
जिनकी वोटों से वजीर ए आलम बन गए 
आज उन्हीं पर जुल्म करते हो

©Gagandeep BENKAAB kisan ekta jindabad
दूर से जो देखा 
कड़कती ठंड मैं यह सड़कों पर कौन बैठा है 
बेबसी में सब्र की पोशाक पहनकर खेतों के मजदूर या किसान जैसा है 
कैसा यह आंदोलन कोई दंगा फसाद भी नहीं 
ना तोड़ फोड़ ना आग लगाना
 किसी की इज्जत के साथ खिलवाड़ भी नहीं
 क्यों आंखें बंद कर बैठी है सरकार, किसानों के हकों की बात आज क्यों किसी को याद भी नहीं 
लोकतंत्र राज में क्यों मनमानी करते हो 
जिनकी वोटों से वजीर ए आलम बन गए 
आज उन्हीं पर जुल्म करते हो

©Gagandeep BENKAAB kisan ekta jindabad