कह सकूं लफ़्ज़ों मैं मात पिता को इतनी मेरी क्या खुद ल़फ़जो को ल़फज नही मुझको वक्त भी ह,दिल में बसते भी हं मेरे, पर बयां कर सकूं उनको ये मेरी औकात नही #NojotoQuote m hu to unse