वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को कोटि प्रणाम सौर्य कथानक महाराणा के,व्यक्ति व्यक्ति में जिंदा है पर गद्दारों की घात सोच, भारत अब भी सर्मिंदा है उस महावीर के चरणों में,झुकना अति गौरव होता है और गद्दारों की गद्दारी , तो निंदा की भी निंदा है