#OpenPoetry लाख दलदल हो पांव जमाए रखिए। हाथ खाली ही सही ऊपर उठाए रखिए। कौन कहता है कि छलनी में पानी रुक नहीं सकता । बर्फ बनने तक हौसला बनाए रखिए। पेशेंस आफ लाइफ