क्यों किसी को खोने का गम होता है.. क्यों किसी को पाने की उम्मीद लिए फिरते हैं.. मंजिल तो सबका एक है , फिर हम क्यों परेशान हुआ करते हैं.. यादों के पुलिनदे लिए हम क्यों इधर-उधर घुमा करते हैं.. क्यों किसी के होने या ना होने से हम घबराया करते हैं.. क्यों हमारे लिए खुशियां जरूरी होती है.. जबकि मंजिल तो सबका एक है.. जबकि मंजिल तो सबका एक है.. 76