चलो कुछ वक़्त निकाला जाये कितना काम में व्यस्त हो, करते करते पस्त हो, शाम का वक्त हो चला है, किसी भी काम का बोझ न टला है, चलो इस काम को टाला जाये, अपनी खातिर ये कार्मिक, चलो कुछ वक़्त निकाला जाये। जब से आये है कार्यालय, कभी फाइल तो कभी पत्र ले, इधर उधर बस करते करते, बैठ जाते बस कुर्सी पे, लेके सांस बस कहते है, चलो अपने आप को संभाला जाये, अपनी खातिर ये कार्मिक, चलो कुछ वक़्त निकाला जाये। थोड़ा सा बैठा था क्या, सोंच के कि थक गया, तभी साहब का बुलावा आया, किस काम में तू फंस गया, दिया था तुझको एक काम, एक काम में ही रह गया, इन सब तनावों में भी, अपने आप को ढाला जाये, अपनी खातिर ये कार्मिक, चलो कुछ वक़्त निकाला जाये। #चलो कुछ वक़्त निकाला जाये