यह वो आग की बात है, जो बरसात में में भी भड़क जाती है। दिल काबू में नही होता धड़कन बढ़ जाती है। ये तो बुखार है मोहब्बत- ऐ -इश्क का मेरे दोस्त, इश्क के मयखाने में, कभी बैठकर तो जरा देखिए। बोतल बिना पिये ही चढ़ जाती है। #आग #बरसात #दिल #धड़कन #बुखार #मयखाना #बोतल