मुक़द्दर का सिकन्दर कौन कहलाएगा, हम ही हार गए तो कौन जीत पायेगा। ज़ख्म जिसने दिया सबसे गहरा, उस पर मरहम कौन लगाएगा। हमारी फ़ितरत तो ही ऐसी है, तुम्हारी बराबरी कौन कर पाएगा। इस दिल में ज़ख्म हैं बहुत, उनके बारे में कौन बतलाएगा। क़लमकार नहीं करता झूठी तारीफें, सच मैंने नहीं दिखाया तो कौन दिखलाएगा। दिलीप कश्यप क़लमकार फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश #NojotoQuote