बुजदिल, संगदिल, यह दिल ना जाने कैसा कैसा है, अज़ल,अज़ीज़,आशिक़, आक़िल जाने कैसा कैसा है। इक़रार, इज़हार, इंतज़ार, इतराज़ सब सिखाता है, कागज़, कातिब, कलम, क़ाबिल जाने कैसा कैसा है! गुज़ारिश, आजमाइश, समझाइश देना हुनर सबका, गुलाब, गुलबदन, गुलज़ार,गा़लिब जाने कैसा कैसा है। तरकीब, तस्वीर, तक़दीर सब मानने लगता है अक्सर नाइब, नदीम, नाफ़हम, नाक़ाबिल जाने कैसा कैसा है। ना जाने कैसा कैसा है.. यह दिल ना जाने कैसा कैसा है.. #kumaarsthought #दिल #दिल_की_बात #दिलशायरहै #YQDidi #yqhindiurdu #yqquotes YourQuote Bhaijan अज़ल - निरंतर चलने वाला अज़ीज़ - सबसे प्रिय आशिक़ - प्यार करने वाला आक़िल - बुद्धिमान, समझदार