करती नारी परिश्रम ,देती पति का साथ । सुख दुख में संग रहती , छोड़ती न वो हाथ ।। छोड़ती न वो हाथ , बसता जां परिवार में । अस्तित् करती होम ,, सब सुख मिले बच्चों में ।। कर्मठता पहचान, न कभी भूख से मरती । नारी घर की नींव, हर दिन परिश्रम करती ।। देहरादून उत्तराखंड नारी से रंग जीवन के