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My Language अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्र

My Language अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत
 प्रवीन ... ,

पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन .... ,

उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति
 होय ... ,

निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं

 सोय ... ,

इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के 
लोग ... ,

और एक अति लाभ यह, या में प्रगट
 लखात ... ,

तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो
 कोय .... ,

©G0V!ND DHAkAD #अंतर्राष्ट्रीय_मातृभाषा_दिवस


भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए हर साल 21 फरवरी को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।

 अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार सबसे पहले बांग्लादेश से आया था।  संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के आम सम्मेलन ने 2000 में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। हर साल, इस विशेष दिन को मनाने के लिए यूनेस्को द्वारा एक अनूठी थीम चुनी जाती है।
My Language अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत
 प्रवीन ... ,

पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन .... ,

उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति
 होय ... ,

निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं

 सोय ... ,

इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के 
लोग ... ,

और एक अति लाभ यह, या में प्रगट
 लखात ... ,

तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो
 कोय .... ,

©G0V!ND DHAkAD #अंतर्राष्ट्रीय_मातृभाषा_दिवस


भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए हर साल 21 फरवरी को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।

 अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार सबसे पहले बांग्लादेश से आया था।  संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के आम सम्मेलन ने 2000 में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। हर साल, इस विशेष दिन को मनाने के लिए यूनेस्को द्वारा एक अनूठी थीम चुनी जाती है।

#अंतर्राष्ट्रीय_मातृभाषा_दिवस भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए हर साल 21 फरवरी को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार सबसे पहले बांग्लादेश से आया था। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के आम सम्मेलन ने 2000 में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। हर साल, इस विशेष दिन को मनाने के लिए यूनेस्को द्वारा एक अनूठी थीम चुनी जाती है। #Mythology