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असल क्रांतिकारी सेनाएं गाँव और कारखानों में हैं, य

असल क्रांतिकारी सेनाएं गाँव और कारखानों में हैं, यानी किसान और मजदूर। लेकिन हमारे पूंजीपति नेता उन्हें कभी संगठित नहीं करेंगे। एक बार ये सोये हुए शेर जाग गए फिर तो ये पूंजीवादी नेताओं के लक्ष्य से भी बहुत आगे निकल जायेंगे...। - भगत सिंह

©MANJEET SINGH THAKRAL असल क्रांतिकारी सेनाएं गाँव और कारखानों में हैं, यानी किसान और मजदूर। लेकिन हमारे पूंजीपति नेता उन्हें कभी संगठित नहीं करेंगे। एक बार ये सोये हुए शेर जाग गए फिर तो ये पूंजीवादी नेताओं के लक्ष्य से भी बहुत आगे निकल जायेंगे...। - भगत सिंह

#किसान_मजदूर_एकता_ज़िंदाबाद
असल क्रांतिकारी सेनाएं गाँव और कारखानों में हैं, यानी किसान और मजदूर। लेकिन हमारे पूंजीपति नेता उन्हें कभी संगठित नहीं करेंगे। एक बार ये सोये हुए शेर जाग गए फिर तो ये पूंजीवादी नेताओं के लक्ष्य से भी बहुत आगे निकल जायेंगे...। - भगत सिंह

©MANJEET SINGH THAKRAL असल क्रांतिकारी सेनाएं गाँव और कारखानों में हैं, यानी किसान और मजदूर। लेकिन हमारे पूंजीपति नेता उन्हें कभी संगठित नहीं करेंगे। एक बार ये सोये हुए शेर जाग गए फिर तो ये पूंजीवादी नेताओं के लक्ष्य से भी बहुत आगे निकल जायेंगे...। - भगत सिंह

#किसान_मजदूर_एकता_ज़िंदाबाद

असल क्रांतिकारी सेनाएं गाँव और कारखानों में हैं, यानी किसान और मजदूर। लेकिन हमारे पूंजीपति नेता उन्हें कभी संगठित नहीं करेंगे। एक बार ये सोये हुए शेर जाग गए फिर तो ये पूंजीवादी नेताओं के लक्ष्य से भी बहुत आगे निकल जायेंगे...। - भगत सिंह #किसान_मजदूर_एकता_ज़िंदाबाद #विचार