रोज़ कहता हूं, नमक कम डालो खाने में पर ढीत हो तुम, नशा है तुमको खुदको ज़ख्म दिलवाने में। नमक तो डालती ही नहीं थी वह कभी खाने में कुसूर तो उन ज़ख्मों का ही तो था वाकई में।। From the diary of a slave! #housewife #domesticviolence