""जय महाकाल"" रोशन सा दिपक लेकर , आया था कोई, "आशिकों कि बस्ती में" गम भूलाने को हमारे, डुबा दिया उसने, "भांग कि मस्ती में" और लगायी जो बैठक उसनें , "श्मशान कि धरती में" हम लीन हुए महाकाल, "तेरी भक्ति में" © मनु कि कलम से ✍️✍️✍️✍️✍️ #जय महाकाल