मुझे तोहफे पसंद नहीं है... हां अगली बार वक़्त लेकर आऊंगा... अब रहे है कुछ दिन मेरे रहने के.. कविता लिखना मक़सद नहीं रहा मेंरा.. कुछ सालों के लिए मुंह बांध के संसार में घूमना,, छिपना है.. सबसे,, मुझे प्यार में नहीं पड़ना,, मोहब्बतें वगैरा-वगैरा,, सभी से दूर मुझे जाना है कुछ समय के लिए.. थोड़ा ठहरना पड़ेगा..रुकना पड़ेगा मुझे वहां पे.. कहीं ज़िंदगी यों से दूर,,घर बसाना पड़ेगा कहीं और,,.. सपनों की दुनियां में,, ©Ditikraj"दुष्यंत"...! मुझे तोहफे पसंद नहीं है... हां अगली बार वक़्त लेकर आऊंगा... अब रहे है कुछ दिन मेरे रहने के.. कविता लिखना मक़सद नहीं रहा मेंरा.. कुछ सालों के लिए मुंह बांध के संसार में घूमना,, छिपना है सबसे सबसे,, मुझे प्यार में नहीं पड़ना,, मोहब्बतें वगैरा-वगैरा,, सभी से दूर मुझे जाना है कुछ समय के लिए..