*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“23/2/2022”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 “जीवन” में कुछ इस प्रकार “हमारे विचार” होने चाहिए, एक “स्थान” पर “इकट्ठे” नहीं रहने चाहिए, इनका “संवाहन” होते रहना चाहिए, तभी हमारी “मति”,हमारी “नीति” और हमारी “स्मृति” यह तीनो “श्रेष्ठ” रह सकती है, और यही अंतर है “तालाब” और “नदि” के “मध्य” में, “नदि” में “जल” सदैव बहता है “पवित्र” रहता है, “शुद्ध” रहता है साफ रहता है,वहीं “तालाब” में सबकुछ “इकठ्ठा” हो जाता है इसलिए वह “अपवित्र” हो जाता है, तो सदैव इन “विचारों” को “बहते” जाने देना चाहिए, यदि “मन” में कोई “विचार” आए और “चुभने लगे”, तो उसे “निकाल” दिजिए,उसे भी “बहने दिजिए”, कोई भी ऐसी “बात” जो आपके “दिल” और “दिमाग” में है तो “तकलीफें” देती है,उसे “बयां कर” देना चाहिए, और आपने तो सुना ही होगा “दिलो” और “दिमाग” की बातें बता देने से “मन हल्का” हो जाता है, इसका जो भी “उत्तर” होगा वो “समय के साथ” आपके समक्ष आ ही जाएगा,... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“23/2/2022”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 #“जीवन” #“हमारे विचार”