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नहीं देख पाओगे तुम, जन्म दिवस पर कह कर नि

   नहीं देख पाओगे तुम,
      जन्म दिवस पर कह कर निकला,
    शाम को शीघ्र आऊंगा.....
   कुचल दिया गया वो, पहिये के नीचे,
हुआ रक्त से संचित ,गया दूर तक उसको खींचे
       न  चीखी, न  ही  चिल्लाई वो,
 शुब्ध हुयी, लाश को  वो टुकर-टुकर देखें.... माँ एक औरत के रूप में हर रिश्ता इतनी ख़ूबसूरती से निभाती है कि कोई विश्वास ही नहीं कर पाता कि उसे कोई दुख भी हो सकता है। 
पति, बच्चे, सास-ससुर, मायका, रिश्तेदार, प्रेमी, ऑफ़िस, दुनिया क्या उसे इनसे कोई शिकायत नहीं?
आज माँ की ओर से कुछ पंक्तियाँ लिखें।
#माँकेदुख #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
   नहीं देख पाओगे तुम,
      जन्म दिवस पर कह कर निकला,
    शाम को शीघ्र आऊंगा.....
   कुचल दिया गया वो, पहिये के नीचे,
हुआ रक्त से संचित ,गया दूर तक उसको खींचे
       न  चीखी, न  ही  चिल्लाई वो,
 शुब्ध हुयी, लाश को  वो टुकर-टुकर देखें.... माँ एक औरत के रूप में हर रिश्ता इतनी ख़ूबसूरती से निभाती है कि कोई विश्वास ही नहीं कर पाता कि उसे कोई दुख भी हो सकता है। 
पति, बच्चे, सास-ससुर, मायका, रिश्तेदार, प्रेमी, ऑफ़िस, दुनिया क्या उसे इनसे कोई शिकायत नहीं?
आज माँ की ओर से कुछ पंक्तियाँ लिखें।
#माँकेदुख #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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tulika3350361195569

Anamika

New Creator

माँ एक औरत के रूप में हर रिश्ता इतनी ख़ूबसूरती से निभाती है कि कोई विश्वास ही नहीं कर पाता कि उसे कोई दुख भी हो सकता है। पति, बच्चे, सास-ससुर, मायका, रिश्तेदार, प्रेमी, ऑफ़िस, दुनिया क्या उसे इनसे कोई शिकायत नहीं? आज माँ की ओर से कुछ पंक्तियाँ लिखें। #माँकेदुख #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi