a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कन्यायें वैसे तो भोली, नादान, नाज़ुक, गऊ जैसी, मासूम व पवित्र होती है। लेकिन, परिणय ( शादी ) की कुछ रस्मों व रीति रिवाजों के बाद ज्योंही ये पत्नी का रुप धारण करती है इनमें धीरे धीरे रहस्यमयी अलौकिक देविय शक्तियों का समावेश न जाने कैसे हो जाता है। "अजेय, अन्तरयामी, वाक् चातुर्य, सामरिक कला व तेज़ आभामंडलयुक्त साक्षात नवदुर्गा।" ब्रह्माण्ड के सारे वैज्ञानिको के लिये यह रुपातंरण एक चुनौतीपूर्ण रहस्य है। कहा जाता है कि एलियन भी धरती पर इस रहस्य को जानने के लिये ही आते है। कुछ विद्वानों का मत है कि नारी का यह विविधता पूर्ण परिवर्तन विधाता की लीला है, इनकी लीलाओं से नास्तिक से नास्तिक अड़ियल व खुर्रांट इसांन को भी परमात्मा याद आ जाता है। हे ! महामानवी हम तेरे शुक्रगुज़ार है, शायद इसीलिये कहते होगें... "यत्र नारीयस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता" ©Andy Mann #नारी_के_रूप Sonia Anand