*अगर ठानी है जिद मंजिल तक जाने की,* *तो फिर कर मेहनत उस लक्ष्य को पाने की,* *अब देरी है तो परिश्रम को आग में तपाने की,* *तो कोशिश तो कर, क्या जरूरत है पहले ही हार मान जाने की।* ©MUKESH RAJPUT Happy day #Bicycle