तुम यूं ही गुलशन बन कर इस फिजां में खुशबू बिखेरते रहना मैं भौंरा बन यूं ही तुम्हारे चमन में सदा आता रहूंगा अंदर चाहे सूनापन हो फिर भी बाहर चमन बसाना कम तो नहीं देख तुझे यह जो मन मेरा महकता है यह उपकार तुम्हारा कम तो नहीं।। ©Mohan Sardarshahari उपकार #Heart