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White गीता ४।१४) {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी भी ज

White गीता ४।१४)
{Bolo Ji Radhey Radhey}
किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में 
मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे 
कर्म लिप्त नहीं करते -इस प्रकार 
जो मुझे तत्त्व से जान लेता है, 
वह भी कर्मों से नहीं बँधता।'

©N S Yadav GoldMine
  #love_shayari गीता ४।१४)
{Bolo Ji Radhey Radhey}
किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में 
मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे 
कर्म लिप्त नहीं करते -इस प्रकार 
जो मुझे तत्त्व से जान लेता है, 
वह भी कर्मों से नहीं बँधता।'

#love_shayari गीता ४।१४) {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे कर्म लिप्त नहीं करते -इस प्रकार जो मुझे तत्त्व से जान लेता है, वह भी कर्मों से नहीं बँधता।' #मोटिवेशनल

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