मुझे बहुत पसंद हैं यह गीत जितनी बार सुनु और सुनने का मन करता है। उलझन सुलझे ना, रस्ता सूझे ना जाऊँ कहाँ मैं, जाऊँ कहा मेरे दिल का अँधेरा, हुआ और घनेरा कुछ समझ न पाऊँ, क्या होना है मेरा खड़ी दो राहे पर, ये पूछूँ घबरा कर जाऊँ कहाँ मैं, जाऊँ कहाँ उलझन सुलझे ना... Movie/Album: धुंध (1973) Music By: रवि Lyrics By: साहिर लुधियानवी Performed By: आशा भोंसले