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कितनी विचित्र बात है, प्रेम अपनी राह भटक जाता हैँ

कितनी विचित्र बात है, प्रेम अपनी राह भटक जाता हैँ और नफरत अक्सर मंजिल पार कर जाती हैँ।

©Shubham Tiwari New Shayari
कितनी विचित्र बात है, प्रेम अपनी राह भटक जाता हैँ और नफरत अक्सर मंजिल पार कर जाती हैँ।

©Shubham Tiwari New Shayari

New Shayari