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अलग हो जाने से इश्क़ खत्म नहीं हो जाता, मेरा भी नह

अलग हो जाने से इश्क़ खत्म नहीं हो जाता, मेरा भी नहीं हुआ।
बहुत कोशिश की थी तुम्हे रोकने की, कई दफा मिन्नते की लौट आने की,
पर मेरी की हर कोशिश में कमी रही, नहीं आए तुम,
और मुझे मिला एक लंबा इंतजार तुम्हारा।

बहुत मुश्किल दौर था वो, तुम्हारी कल्पना से परे मुश्किल,
मरना आसान था तब पर जीना मुश्किल,
और जानते हो मैं फिर भी जी रही थी हर रोज मरके,
ज़हर थे वो आंसू मैने उन्हे भी पिया,
तुम्हारी दी हर सजा काटी मैने,
मैने एक हसीन गुनाह किया था तुमसे इश्क़ करने का,
पर मैं तुमसे कभी नफरत नहीं कर पाई।

तुम्हारी इस सजा ने मुझे कहीं हुनर दिए,
बहुत कमजोर थी मैं साथ तुम्हारे,
और आज मैने दर्द छुपाना भी सीख लिया,
काश मैं इंतजार कर पाती तुम्हारा, पर नहीं कर पाई,
उस ज़हर ने मेरी हर उम्मीद को मारा पर मेरी हिम्मत नहीं मार पाया।

उस इंतजार को मैने नया मोड़ दिया,
मुश्किल था तुम्हे भुला के आगे बढ़ जाना,
मैंने यादों के साथ सफर किया,
और यकीन मानो मैं अब जी रही थी,
फिर तुम क्या सोच अब लौट आए हो।

क्या माफी मांगने या फिर मारने,
माफ़ नहीं किया मैंने तुम्हे में कभी खफा थी ही नहीं तुमसे,
पर अब लौटना भी नहीं चाहती मैं,
जिस दौर से निकली उसने फिर लौटना नहीं चाहती,
इश्क़ है तुमसे बेशक फिर भी अब इसे तुमसे बांटना नहीं चाहती।

मैं मिल तुमसे वापस खुद से नफरत करना नहीं चाहती,
तुम मत आना लौटकर,
मैं फिर अब तुम्हारे पास लौटना नहीं चाहती,
मुश्किल से निकली जिस दर्द से, वहां फिर लौटना नहीं चाहती।

©cutie pie.p
  Dard alag hone ka
prachikumari2920

cutie pie.p

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Dard alag hone ka #कविता

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