#दूरी क्या तुमने देखा उनको मुस्कुराते हुए। ज़ालिम मेरे दिल पर पैर रख कर जाते हुए। उनको अपने होने का गुरुर था। पास होते हुए भी, दिसंबर जनवरी से दूर था। यारों ये दूरी बड़ी चुनौती थी। कुछ पैसों की, कुछ बुद्धि का खेल था। पास होकर भी दिल से दिल से दूर था। ©0 साल बदलने जैसा प्यार।।🫣🥀🌟#CrescentMoon #Love #New_Year #Satya #0 Yuvika Shekhawat Paakhi