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चुने जो बीज, सुकोमल "सुमन" की चाह में मैंने वक़्त

चुने जो बीज, सुकोमल "सुमन" की चाह में मैंने 
वक़्त की बेरुखी ने कुचल दिए हैं आज पैरों तले 

सिसकती रही आहें और धधकता रहा दिल मेरा 
बिखरे-बिखरे देखा हैं सपनों को आज ये मन मेरा 

आश गई विश्वास गया,  गए सुरीले मेरे यह लम्हें 
तिनका तिनका जो सजाया बिखर गया घोंसला 

दर्द हुआ, ग़मगीन आँखे पर उम्मीद  नहीं टूटी है
धराशायी "सपनों"  का महल बनेगा एक दिन है  ♥️ Challenge-585 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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चुने जो बीज, सुकोमल "सुमन" की चाह में मैंने 
वक़्त की बेरुखी ने कुचल दिए हैं आज पैरों तले 

सिसकती रही आहें और धधकता रहा दिल मेरा 
बिखरे-बिखरे देखा हैं सपनों को आज ये मन मेरा 

आश गई विश्वास गया,  गए सुरीले मेरे यह लम्हें 
तिनका तिनका जो सजाया बिखर गया घोंसला 

दर्द हुआ, ग़मगीन आँखे पर उम्मीद  नहीं टूटी है
धराशायी "सपनों"  का महल बनेगा एक दिन है  ♥️ Challenge-585 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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krishvj9297

Krish Vj

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