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काली रातों का यह अंधकार कहीं बुझा ना दे उम्मीद का

काली रातों का यह अंधकार कहीं बुझा ना दे उम्मीद का दीपक
जीत कर भी कहीं हरा ना दे उम्मीद का दामन
किसको कहेंगे हम कसूरवार जब अपने ही बने दुश्मन
कहीं हमारा प्यार ही बन् ना जाए मौत का कारन
और क्यों कसूरवार बोले हम दुनिया को
जब खुद ही मौत को गले लगाए हम

©Nitesh Sharma खुद के शब्द खुद के लिए

#alone
काली रातों का यह अंधकार कहीं बुझा ना दे उम्मीद का दीपक
जीत कर भी कहीं हरा ना दे उम्मीद का दामन
किसको कहेंगे हम कसूरवार जब अपने ही बने दुश्मन
कहीं हमारा प्यार ही बन् ना जाए मौत का कारन
और क्यों कसूरवार बोले हम दुनिया को
जब खुद ही मौत को गले लगाए हम

©Nitesh Sharma खुद के शब्द खुद के लिए

#alone

खुद के शब्द खुद के लिए #alone #बात