तेरे निर्माता प्रभु क्षी राम महान हैं, कि तेरी जिंदगी की यही पहचान है। ज़िंदगी के दर्द को स्वीकार कर, कि तू आदमी है अवतार नहीं। अवतार भी हुए हैं दर्द से दो-चार यहाँ, कि प्रभु क्षी राम के दर्द को, भूल गया तू कहाँ? ज़िंदगी मिली है तो जिना सिख ले, कि मरना है एक दिन तू जान ले। जो मिला उससे सप्रेम सहन कर, कि मिलेंगे दर्द यहाँ रह-रह कर हर मोड़ पर। तुझे उठना है हर दर्द को पीछे छोड़कर, कि जान ले तू, यहाँ दर्द मिलेंगे हर मोड़ पर। जो मिला है समझ ले वो ना-काफ़ी है, कि तुझे प्रयास करना अभी बाकी है। तू दूर तलक जाएगा, मैं जानता हूँ, कि तेरी रघ-रघ को मैं पहचानता हूँ। बस तुझे चलना अकेला है, कि तू जान ले यहाँ दुश्मनों का मेला है। तू चलेगा दो कदम साहस से, कि डरेंगे तेरे दुश्मन भी तेरे प्रयास से। तेरी हार में भी तेरी जीत है, कि तू जान ले ज़िंदगी की यही प्रीत है। तू आकाश है, कि तेरे कण-कण में प्रकाश है। तेरे प्रकाश से उज्जवल ये जहान है कि तेरा निर्माता प्रभु क्षी राम महान है। 〰️©️ÂÃĶÂŞH #zindagiii #God #inspirational