मुद्दत हुई वो रुलाने नही आए,इन जलती हुई आँखो को बुझाने नही आए,कहते थे साथ जियेंगे साथ मरेंगे,हम रूठे थे 1 रोज़ आज तक वो मानाने नही आए. # muddat hui wo rulane nahi aaye ,