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मैं उम्मीद भर खुली किताब सा आसमाँ देखता रहा इक मुह

मैं उम्मीद भर खुली किताब सा आसमाँ देखता रहा
इक मुहब्बत सा गुजरे वो जेहन से मेरे कि परिंदे न थे 
© #NojotoQuote दिल संभल जा जरा फिर मोहब्बत करने चला है तू...
मैं उम्मीद भर खुली किताब सा आसमाँ देखता रहा
इक मुहब्बत सा गुजरे वो जेहन से मेरे कि परिंदे न थे 
© #NojotoQuote दिल संभल जा जरा फिर मोहब्बत करने चला है तू...
raghav3353183956829

Raghav

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