मैं उम्मीद भर खुली किताब सा आसमाँ देखता रहा इक मुहब्बत सा गुजरे वो जेहन से मेरे कि परिंदे न थे © #NojotoQuote दिल संभल जा जरा फिर मोहब्बत करने चला है तू...