हवा चल रही है फिर से पुरानी, ये लहराते बादल बरसाते पानी, शजर झूमते इश्क़ में आज जैसे, दुहरा रहे हैं वफ़ा की कहानी, महकी हुई सी बाद-ए-सबा की, दिल में जवाँ है अभी तक रवानी, चला जाऊँगा छोड़कर जब जहाँ को, दे जाऊँगा ये ग़ज़ल की निशानी, बदल जायेगा ज़िन्दगी का तरीका, समझ जायेगा जब सम्ते मआनी। Hawa chal rahi #yqdidi #yqshayari #yqhindi #yqkavi #yqpoetry