अब तो सांसे भी रुक रुक कर आना बंद हो गई ... कर देती थी गम जाहिर वो जुबां... आज बंद हो गई है... निकलते नहीं आंसू बाहर अब ... अंदर ही अंदर पीने की आदत हो गई... जाहिर करें भी तो किसे अब.. मतलबी यह दुनिया हो गई... जागी थी जो सोई किस्मत फिर करवट लेकर सो गई.. मचला था दिल ये रोशनी देख.. कि सुबह हो गई.. पर था वो दीया.. जो भुझा तो फिर अंधेरी रात हो गई.. अब तो सांसे भी रुक रुक कर आना बंद हो गई ... कर देती थी गम जाहिर जो जुबां... आज बंद हो गई है... ©Droff Jangra #Heart #Broken #SAD #shayri