मैं आँखों से ख़ाब नही समंदर देखता हूँ जब टूट कर बिखरता हूँ पहले अपने अन्दर देखता हूँ क्योंकि मैं जानता हूँ"कि टूट कर मैं क्यों बिखर रहा हूँ" ❤ Khan Perfect