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कभी कोई स्त्री अपवित्र नहीं होती ,होती है तो उन ध

कभी कोई स्त्री अपवित्र नहीं होती ,होती है  तो उन धर्म के पुजारियों और उनपे आंख मुदके भेड़ों के भाती के मानव की जो उसी स्त्री को नवरात्रि के समय देवी का रूप बताते है और उसी देवी को अपवित्र बोलते है ।।
कभी कोई स्त्री अपवित्र नहीं होती ,होती है  तो उन धर्म के पुजारियों और उनपे आंख मुदके भेड़ों के भाती के मानव की जो उसी स्त्री को नवरात्रि के समय देवी का रूप बताते है और उसी देवी को अपवित्र बोलते है ।।
kamlendra4997

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